वो प्यारा अहसास हर पल महसूस होना
यूँ बाँहे फैलाकर बहती नर्म दूब में हवा सी फक्क, फना हो जाना!
मेरे भीतर कहीं जैसे सीपी में कीमती मोती पनपता है।
बादल के अंदर से बूंदों सा नीर छलकता है!
तारों का झिलमिल आँचल नीला स्याह आसमान पहनता है!
कई बार तेरे अहसास में खो जाना मुझे कितना चौंका देता है। मिल जाओ तो तकरार, न मिलें तो बेकरार।
मेरे ही अजब से सवाल हजारों अश्क बहा देते हैं ।
मैं यूँ जैसे बार-बार रेत में जैसे ठंडी बयारों से लड़कर कोई लहर लौटती है।
तेरी बाहों में सिमट कर तेरी ही लटों में उँगलियों को पिरोती हूँ।
कढ़ाई में छन- छन सी छौंक लगाती है तेरी यादों का छनकता अहसास।
वो उँगलियों की पोरों का हल्का स्पर्श, कोई भँवरा जैसे फूलों की कोमल सी पंखुड़ियों को छूता है।
नम बूँदे भरी हवा जैसे मेरे गालों को सहलाती है।
तेरे आ जाने से से रात की कोमल बाहों में प्यारा चाँद चमकता है और विशाल अम्बर में चमक बिखेरता है साथ में टिम टिम तारे भी आँख मिचौली के खेल में भाग लेने दौड़े चले आते हैं।
कभी टिमटिमाते, कभी लाईन बनाते
और कभी शरारती से छिप जाते।
वो भी तो एक अहसास होता है न जो पेट में तितलियों सा दौड़ जाता है, अच्छा लगता है, अच्छा लगता है! ☺️ ✌️ तनु 24/1/2019 Haldwani
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